Varanasi Special Ajay Rai Congress: अजय- जिसे जीता ना जा सके... लेकिन क्या देश की सबसे बड़ी हॉट सीट वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवार अपने नाम के अर्थ को सिद्ध कर पाएंगे? क्योंकि इस सीट पर उनका मुकाबला और किसी से नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री और बीजेपी के सबसे बड़े लीडर नरेंद्र मोदी से होने जा रहा है.
1 जून को बाबा विश्वनाथ की ये नगरी अपने उम्मीदवारों की किस्मत को EVM में कैद करने वाली है. एक तरफ पीएम मोदी यहां से हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं तो दूसरी तरफ उनका विजय रथ रोकने की जिम्मेदारी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय पर है. हालांकि पुराने आंकड़े उनका साथ नहीं देते हैं.
- 2014 में भी अजय राय PM मोदी के खिलाफ खड़े हुए थे
- 2014 में अजय राय को 75,614 वोट मिले थे
- 2014 में अजय राय 5 लाख वोटों के अंतर से PM मोदी से हार गए थे
- 2019 में एक बार फिर कांग्रेस ने वाराणसी से अजय राय को टिकट दिया
- 2019 में अजय राय को 1,52,548 वोट मिले
- जबकि PM मोदी को 6,74,664 वोट पड़े
- मतलब अजय राय 2019 में भी 5 लाख से ज्यादा वोटों से वाराणसी की सीट हार गए
- 2024 में एक बार कांग्रेस ने अजय राय पर ही दांव खेला है
ऐसे में ये जानना भी दिलचस्प हो जाता है कि आखिर अजय राय कौन हैं? उनका राजनीतिक रसूख कितना बड़ा है? जो बार-बार कांग्रेस PM मोदी के खिलाफ उनको चुनावी मैदान में उतार रही है.
आइए जानते हैं कि पीएम मोदी को तीसरी बार टक्कर देने वाले अजय राय का राजनीतिक कद कितना बड़ा है ?
- आपको जानकर हैरानी होगी कि अजय राय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी (ABVP) और भारतीय जनता युवा मोर्चा से की थी.
- 1996: सीपीआई (एम) के 8 बार विधायक रहे उदल को हराकर अजय राय पहली बार विधायक बने.
- 1996 से 2007: वाराणसी की कोलअसला सीट से तीन बार बीजेपी के विधायक रहे.
- 2009: बनारस से लोकसभा का टिकट डॉ मुरली मनोहर जोशी को मिलने से नाराज़ हुए. सपा के टिकट पर चुनाव में उतरे और हारे.
- 2009: उसी साल विधानसभा चुनाव में कोलअसला से उतरे और जीते.
- 2012: पिंडरा विधान सभा सीट से कांग्रेस के विधायक बने.
- 2014: नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन ज़मानत ज़ब्त हो गई.
- 2017: पिंडरा सीट से विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ अवधेश सिंह से हारे.
- 2019: एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी बने और तीसरे नंबर पर रहे.
- 2022: पिंडरा सीट से विधानसभा चुनाव फिर से बीजेपी के डॉ. अवधेश सिंह से हारे.
- 2023 में कांग्रेस ने अजय राय को यूपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया
- 2024 में लगातार तीसरी बार कांग्रेस ने उन्हें PM मोदी के खिलाफ उतारा है.
- यानी अपने राजनीतिक करियर में अजय राय 5 बार विधायक रह चुके हैं
- अजय राय का जन्म भी वाराणसी में ही हुआ है
अजय राय का अपराध से भी पुराना नाता रहा है. अपराध से उनकी नजदीकियां कई बार उन्हें जेल की सलाखों के पीछे तक ले जा चुकी हैं. आइए एक नजर उनके आपराधिक इतिहास पर भी डालते हैं-
- अजय राय के खिलाफ यूपी के अलग-अलग थानों में कुल 16 मुकदमें दर्ज हैं.
- इनमें गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामला
- तो हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में दो मुक़दमे दर्ज हैं.
- अजय राय के ऊपर बनारस के पूर्व डिप्टी मेयर अनिल सिंह पर एके-47 से जानलेवा हमला करने का भी आरोप था लेकिन वो बाद में बरी हो गए.
- 13 अक्टूबर 2015 को अजय राय रासुका के तहत गिरफ़्तार करके जेल भेजे गए थे.
- क़रीब 7 महीने जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट से उन्हें ज़मानत मिली.
हालांकि अजय राय अब तक किसी भी मामले में दोषी नहीं पाए गए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस उन्हें टिकट दे रही है. कांग्रेस के अजय...अपने नाम के अर्थ को सार्थक कर पाते हैं या नहीं...वो 4 जून को ही पता चल पाएगा. क्योंकि पीएम मोदी को हराना कोई बाय हाथ का खेल नहीं है. पिछले 2 लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं.
- 2014 में PM मोदी ने पहली बार वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ा
- तब वे 3 लाख 37 हजार वोट के अंतर से जीते थे.
- 2019 में पीएम मोदी की जीत का अंतर बढ़ा
- 2019 में PM 4 लाख 75 हजार वोट से जीते
- 2024 में BJP जीत का अंतर बढ़ाना चाहेगी
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