Yusuf Pathan EXCLUSIVE: 'दीदी आपने मुझे कहां फंसा दिया...' editorji से बातचीत में रो पड़े युसूफ पठान

Updated : May 04, 2024 23:54
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Editorji News Desk

Yusuf Pathan EXCLUSIVE: क्रिकेट की फील्ड से राजनीति की पिच पर उतरे TMC नेता युसूफ पठान ने editorji से EXCLUSIVE बातचीत की. इस दौरान वे भावुक भी हो गए. जनता की तरफ से मिल रहे प्यार को याद कर युसूफ पठान इंटरव्यू के बीच में ही फफक पड़े.

'महिलाओं ने मुझे चुनाव लड़ने के पैसे दिए'
युसूफ पठान ने कहा, 'क्रिकेट फील्ड में मेरी जिम्मेदारी सिर्फ ग्राउंड पर परफॉर्म करने की रहती है. लेकिन यहां जो जनता का प्यार मिल रहा है. जो महिलाओं ने आकर मुझे चुनाव लड़ने के लि अपना एक महीने का पैसा मुझे दिया. मुझे पता नहीं था लेकिन उन्होंने अचानक ये चीज आकर मेरे साथ की. मैं सोच-सोच कर डरने लगा हूं कि वो जो ट्रस्ट उन्होंने मुझपर दिखाया है. और इतनी बड़ी जिम्मेदारी मुझे दी है. उस जिम्मेदारी को मैं कैसे निभा पाऊंगा ? मैं अपने से ही ये सवाल पूछने लगा हूं कि क्या मैं ये निभा पाऊंगा. क्योंकि ये बहुत बड़ी बात होती है एक महिला के लिए, एक बहन के लिए...कि जो पैसा उसे मिल रहा है उसके घर के लिए, उसने मुझे दे दिया.

'दीदी ने मुझे कहां फंसा दिया...'
अभी मैं यही सोच रहा था कि दीदी आपने कहां फंसा दिया मुझे...बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. अगर ये जिम्मेदारी नहीं निभा पाया तो उस रब को क्या जवाब दूंगा. अब तक मेरा यही सोचना था कि मैं जीत जाऊंगा और लोगों के लिए काम करूंगा.

'जिम्मेदारी नहीं निभा पाया तो रब को क्या जवाब दूंगा?'
इतना प्यार मिलने पर मुझे अच्छा भी लग रहा है. प्यार के साथ ये जो जिम्मेदारी है बहुत बड़ी लगने लगी है मुझे. यहां पर बहुत सारी महिलाओं की जिम्मेदारी मुझ पर है. उनके घर की जिम्मेदारी भी मुझ पर है.

'क्रिकेट से काफी अलग है पॉलिटिक्स'
क्रिकेट एक अलग फील्ड है. मैदान पर उतरने में जज्बा रहता है. अब जिस फील्ड में उतरा हूं उसमें बहुत कुछ करना है. लोगों की बहुत उम्मीदें हैं मुझसे.

'पॉलिटिक्स में आने का कोई इंट्रस्ट नहीं था'
पॉलिटिक्स के लिए मुझे दीदी ने पहला न्यौता भेजा. मैंने कभी पॉलिटिक्स के बारे में नहीं सोचा. कभी पॉलिटिक्स को फॉलो नहीं किया. मुझे पॉलिटिक्स में आने का कोई इंट्रस्ट नहीं था. लेकिन जब कहा गया कि लोगों के लिए काम करने की जिम्मेदारी है...लोगों का साथ है...तो मेरे हिसाब से वो जिम्मेदारी भी आसान हो जानी चाहिए.

'मां का लाडला मैं हूं, पिता का लाडला इरफान है'
यहां पर जब से आया हूं मैं बंगाली खाना खा रहा हूं. यहां पर फिश बहुत अच्छे से बनाते हैं. बहुत प्यार से खिलाते हैं. किसी के घर पर खाना खाया उन्होंने बहुत ख्याल रखा. थोड़ी बहुत स्थानीय भाषा बंगाली भी सीख रहा हूं. मैं लोगों से रोज दुआएं ले रहा हूं. माताओं से, बहनों से, बुजुर्गों से दुआएं ले रहा हूं. जीत के बाद बच्चों के लिए स्पोर्ट्स एकडेमी बनाऊंगा. मां का लाडला मैं हूं. और पिता का लाडला इरफान पठान है. 

यूसुफ पठान के सामने हैं अधीर रंजन चौधरी
यूसुफ पठान को जिस सीट से टिकट मिला है वहां से फिलहाल कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सांसद हैं. कांग्रेस ने इस बार भी  बहरामपुर सीट से अधीर रंजन चौधरी पर ही अपना भरोसा जताया है. अधीर रंजन 1999 से इस सीट से सांसद हैं. ऐसे में यूसुफ पठान के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.
 
गुजरात के यूसुफ बंगाल से लड़ेंगे चुनाव
यूसुफ पठान गुजरात के बड़ौदा के रहने वाले हैं. बंगाल में चुनाव लड़ना उनके लिए बड़ी चुनौती है. 

ये भी पढ़ें: West Bengal के गवर्नर पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप, खंगाला जाएगा राजभवन का CCTV

Yusuf pathan

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