मणिपुर के ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान के लिए चर्चित पूर्व पुलिस अधिकारी थौनाओजम बृंदा राजनीतिक मैदान में उतर गई है. अब वो राज्य को नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अपनी लड़ाई जारी रखने के वास्ते राजनीति में आ रही हैं. 4 साल पहले बृंदा उस वक्त सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने कई ड्रग-कार्टेल का भंडाफोड़ किया था और वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित हुईं थीं. थौनाओजम बृंदा अब इंफाल पूर्वी जिले के याइसकुल निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही है. बता दें कि मणिपुर में दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान होगा.
बृंदा ने साल 2021 में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से इस्तीफा दिया था. उन्हें नारकोटिक्स कोर्ट के विशेष न्यायाधीश को मिडिल फिंगर दिखाने के लिए आपराधिक अवमानना मामले का सामना करना पड़ा था. उन्होंने इस आरोप का खंडन किया है. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि चुनावी राजनीति में उनके प्रवेश की मुख्य वजह राज्य और उसके युवाओं को भ्रष्टाचार और नशीली दवाओं से (दुर्व्यवहार) के ‘आतंकवाद’ से मुक्ति की तात्कालिकता है. साल 2012 बैच की मणिपुर पुलिस सेवा कैडर की अधिकारी का कहना है कि नौकरी के दौरान उन्हें सत्ता में रहने वालों द्वारा लगातार परेशान किया जाता था, जिससे उन्हें अपना काम सही से करने में परेशानी होती थी. बृंदा ने विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFPSA) के प्रति अपना विरोध भी स्पष्ट कर दिया है और इसे निरस्त करने की मांग की है.