Punjab Congress: पंजाब विधानसभा चुनाव (Assembly election) में अब वक्त ज्यादा नहीं रह गया है. इसी बीच पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी है. हालांकि, सुनील जाखड़ ने ये स्पष्ट कर दिया है कि वे कांग्रेस के साथ बने रहेंगे. सुनील जाखड़ राज्य की राजनीति में बड़ा हिन्दू चेहरा माने जाते हैं और चुनाव में कांग्रेस की तरफ से उन्हें प्रचार समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था. लेकिन सीएम का चेहरा घोषित करने के बाद पार्टी में गतिरोध और बढ़ता दिख रहा है.
पंजाब में कितना असर?
- सुनील जाखड़ पंजाब की राजनीति में बड़ा हिंदू चेहरा
- प्रदेश में करीब 38 फीसदी हिंदू मतदाता
- इनका शहरी क्षेत्र के 46% विधानसभा सीटों पर असर
- पिछले चुनाव में कांग्रेस ने यहां शानदार प्रदर्शन किया
- सुनील जाखड़ के जाने का खामियाजा न भुगतना पड़े!
कौन हैं सुनील जाखड़?
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे
- 2002 से 2017 के बीच अबोहर से तीन बार विधायक
- पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे
- 2017 में गुरदासपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव जीते
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बता दें कुछ दिनों पहले सुनील जाखड़ ने कहा था कि बीते साल अमरिंदर सिंह के अचानक हटने के बाद पार्टी के 42 विधायक उन्हें मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान ने 79 विधायकों से सीएम पद के लिए वोट देने को कहा था. इसमें से 42 विधायक मेरे पक्ष में थे.