तीन विवादित कृषि कानूनों (disputed agricultural laws) को लेकर एक साल से अधिक समय तक दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले पंजाब (Punjab) के 25 किसान संगठन (Farmers union) चुनावी जंग में उतरेंगे. न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान संगठनों ने यह फैसला शुक्रवार देर शाम लुधियाना के पास हुई एक बैठक में लिया है. इस बैठक में 32 यूनियनों में से 7 ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है.
जिन किसान संगठनों ने राजनीति से दूर रहने का फैसला किया है, उनमें कीर्ति किसान संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, बीकेयू क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष समिति, बीकेयू सिद्धूपुर, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन शामिल हैं. इन सभी यूनियनों ने चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से कहा है कि वे चुनाव के लिए SKM के बैनर का इस्तेमाल न करें.
ये भी पढ़ें: 'पार्टी के लिए जान लुटा दूंगा...' राहुल से मिलकर बोले हरीश रावत, उनकी अगुवाई में ही लड़ा जाएगा चुनाव
इसके अलावा अहम ये है कि किसान संगठनों की बैठक में करीब एक दर्जन यूनियन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के साथ गठबंधन के पक्ष में थीं. किसानों का कनहा है कि राज्य में अभी तक AAP को सत्ता नहीं मिली है और आंदोलन के दौरान उन्होंने किसानों को पूरा समर्थन दिया था...लिहाजा उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल और हरमीत सिंह कादियान के आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.