Punjab election 2022 result: पंजाब में आप की सुनामी आने के पीछे हैं ये 5 बड़ी वजहें

Updated : Mar 10, 2022 22:45
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Editorji News Desk

पंजाब (Punjab) में आप (AAP) की आंधी में सारी पार्टियां उड़ गई हैं. पंजाब में शानदार जीत दर्ज करने के साथ ही आम आदमी पार्टी दो राज्यों में सरकार बनाने वाली पहली क्षेत्रीय पार्टी बन गई है. पंजाब में आप ने खुद को विकल्प के तौर पर मजबूती से पेश किया.आइए जानतें हैं किन 5 बड़ी वजहों से आप की पंजाब में सुनामी आई.

1-सत्ता विरोधी लहर और बंटी हुई कांग्रेस

पंजाब में बदलाव की सबसे बड़ी वजह 70 सालों से पंजाब में राज करने वाली दो पार्टियों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी. कांग्रेस (Congress) की अंदरुनी कलह और पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amrinder singh) और सिद्दधू (Navjot singh Singh) के बीच चल रही सियासी प्रतिद्वंद्विता एक सार्वजनिक झगड़े में तब्दील हो गई. इसने आप को पंजाब में मजबूती से खड़े होने को गोल्डन चांस दिया.

2-दलित वोटरों को पाले में नहीं ला सकी कांग्रेस

कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (charan singh channi) को पंजाब का सीएम बनाया. लेकिन पार्टी दलित वोटों को अपने साथ लाने में विफल रही. पंजाब में नेतृत्व संकट ने भी वोटरों को आप की तरफ रूख अपनाने के लिए प्रेरित किया.

3- भगवंत मान को सीएम फेस बनाना
भगवंत मान (Bhagwant Mann) को सीएम फेस बनाना आप का मास्टर स्ट्रोक रहा. भगवंत मान ने लंबे समय से अपने राजनीतिक और सामाजिक व्यंग से पंजाबियों के दिल में राज किया है. भगवंत मान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के विपरीत ग्राउंड में काफी जबरदस्त पकड़ रहते हैं. वो संगरूर लोकसभा सीट से दो बार लगातार जीत चुके हैं. उन्हें सिख समुदाय का समर्थन प्राप्त है.

ये भी पढ़ें-Assembly Election Results 2022 Live: 4 राज्यों में BJP की प्रचंड जीत, पंजाब में AAP की आंधी  

4- शासन के तौर पर दिल्ली मॉडल को पेश करना
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के शासन मॉडल को पंजाब के घोषणापत्र में शामिल किया. केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब की जनता को सस्ती बिजली, पानी और स्वास्थ सुविधाओं का वादा किया. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से राज्य को ड्रग्स मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया. कांग्रेस सरकार बेरोजगारी की समस्या को हल करने में विफल रही. केजरीवाल ने लोगों से पहला वादा रोजगार देने का किया.

5- किसानों का आंदोलन
साल भर तक चलने वाले किसान आंदोलन (Farmers Protest) ने आप के पक्ष में हवा बनाने का काम किया. बीजेपी के खिलाफ विरोध की भावना को कांग्रेस जमीन पर भुनाने में कामयाब नहीं हुई. आप ने कांग्रेस की इस नाकामी का फायदा उठाया. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और राघव चड्ढा जैसे आप के सीनियर नेताओं ने किसानों के विरोध प्रदर्शन की जगहों का लगातार दौरा किया.

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