प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में रैली रद हो गई है. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को पंजाब पहुंचे थे, परंतु सुरक्षा में चूक (PM Security Breach)और भारी बरसात के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. इसको लेकर भाजपा ने पंजाब सरकार की लापरवाही को आड़े हाथों लिया तो वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा की हताशा करार दिया. भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने एक दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया. दोनों पार्टियों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में जो चूक हुई है उसकी ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार को लेनी चाहिए.उन्होंने कहा कि इस चूक से यह प्रतीत होता है कि पंजाब में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है.
वहीं पंजाब सरकार में मंत्री राज कुमार वेरका ने बीजेपी के आरोपों पर कहा कि पंजाब नहीं पूरा देश जानता है कि किसान BJP के खिलाफ हैं. किसान रास्ते में प्रदर्शन कर रहे थे जिसके कारण प्रधानमंत्री के काफिले को रुकना पड़ा, इसका मतलब ये नहीं है कि कांग्रेस ने कुछ किया है. कांग्रेस पर जो इंल्जाम लग रहे हैं वो बेबुनियाद हैं.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जो खिलवाड़ पंजाब सरकार के संरक्षण में हुआ वह पंजाब में व्याप्त अराजकता और दुर्व्यवस्था का उदाहरण है. पंजाब सरकार को देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "भाजपा पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में हार का मुंह सामने देखकर अब ऐसे हथकंडे अपनाने लगी है जिससे न तो प्रधानमंत्री जी के पद की शोभा बढ़ती है और न ही हमारे प्रजातंत्र की।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस प्रकार से कोई भी सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है, इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकती है, ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है.
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री को पंजाब में रैली करने से रोकना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.