Telangana Election Results 2023: कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक जीत हासिल करने के आत्मविश्वास से उत्साहित प्रियंका गांधी ने भारत के सबसे नए राज्य तेलंगाना में भी जीत हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है. कांग्रेस महासचिव ने कर्नाटक में जीत का आह्वान करते हुए महिला मतदाताओं को लुभाने में सभी सही कदम उठाए. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि बीजेपी, बीआरएस और एआईएमआईएम के बीच सांठगांठ है.
प्रियंका गांधी तेलंगाना में कांग्रेस की लड़ाई में प्रमुख नेता बनकर उभरीं, जहां छह महीने पहले तक के.चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति की पकड़ तुलनात्मक रूप से मजबूत थी. कर्नाटक में उनकी परिणाम देने वाली मुख्य भूमिका की वजह से तेलुगु लोगों ने उनमें विश्वास जताया.
जब मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था तो कर्नाटक में सबसे पुरानी पार्टी का अभियान अवरुद्ध हो गया था. इसके बाद वो प्रियंका ही थीं, जिन्होंने पार्टी को पटरी पर वापस ला दिया था. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने प्रियंका के राजनीतिक कौशल का वर्णन करते हुए कहा था, "उन्हें दूर से लोगों को संबोधित करना पसंद नहीं है. उन्हें प्रतिबंधित होना पसंद नहीं है और महिलाओं के बीच रहने पर वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं."
कांग्रेस नेता की ये बात कई मामलों में सही भी साबित होती है. चाहे वह संगठनात्मक ढांचे में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना हो या उनके लोक नृत्य प्रदर्शन हों, प्रियंका गांधी हमेशा महिलाओं के समर्थन में दिखी हैं. अपने वाहन से उतरकर ट्रैक्टर पर महिलाओं के साथ शामिल होना यह दिखाता है कि प्रियंका गांधी मुसीबत में उनके साथ थीं. अपनी चमकती मुस्कान के साथ उन्होंने इसे लेकर प्रशंसा हासिल की और राज्य में महिला मतदाताओं ने उनका साथ भी दिया.
तेलंगाना ने न केवल उनके आकर्षक व्यक्तित्व पर भरोसा किया, बल्कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर उनके तीखे हमलों ने भी राज्य के लोगों को प्रभावित किया. केसीआर के 'बंगारू तेलंगाना' के दावों को खारिज करने से लेकर 'भूमि, रेत, शराब और खदान माफियाओं' के मुद्दों को प्रियंका ने जमकर उठाया. प्रियंका ने तेलंगाना में इस नैरेटिव को भी आगे बढ़ाया कि 2014 में यूपीएम सरकार के दौरान ही ये नया राज्य बना था.
प्रियंका गांधी की राजनीतिक चतुराई के अलावा उनकी दादी इंदिरा गांधी से समानता भी उनके लिए आकर्षण का केंद्र रही. मई में प्रियंका ने कहा था, "आप मुझे नई इंदिरम्मा कह रहे हैं तो मुझ पर भरोसा करें. मैं झूठे वादे नहीं करूंगी." तेलंगाना के चुनाव नतीजों से पता चला कि जब स्थानीय लोगों ने 30 नवंबर को मतदान किया तो उनकी अपील कायम रही.
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