शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly polls) की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग (EC) ने साफ कहा है कि आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों ( ‘criminal’ candidates) को चुनावी मैदान में उतारने वाले सियासी दलों को कारण बताने होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि केवल जीत की शर्त ही नहीं हो सकती है, राजनीतिक पार्टियों को अपनी वेबसाइट पर इस तरह के व्यक्तियों का डिटेल अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा और चुनाव के लिए उन्हें टिकट देने का कारण भी बताना होगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि दागी उम्मीदवारों को अपना आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित कराना होगा. राजनीतिक दलों को ये बताना होगा कि उन्होंने दागी प्रत्याशियों को क्यों चुना है.
यह फैसला पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप है, जिसमें उसने राजनीतिक दलों को अपनी-अपनी वेबसाइटों, सोशल मीडिया और समाचार पत्रों पर आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों का डिटेल प्रकाशित करने का सुझाव दिया था.