उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब एक और दिलचस्प मोड़ पर आ गया है. कुछ दिन पहले कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान करने वाले मौलाना तौकीर रजा (Tauqeer Raza) की बहू निदा खान (Nida Khan) ने बीजेपी (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली है. आईए जानते हैं कि आखिर कौन हैं तौकीर रजा और क्या है बरेली शहर में इनका राजनीतिक प्रभाव...
सुन्नी बरेलवी मसलक के मौलाना तौकीर रजा आला हज़रत परिवार से ताल्लुक रखते हैं. बरेलवी मसलक की शुरुआत तौकीर रजा के परदादा और बरेली के मुहल्ला सौदगरान से आला हजरत ने की थी. तौकीर रजा खान, आला हजरत परिवार का राजनीतिक चेहरा हैं. उन्होंने अपना खुद का संगठन इत्तेहाद-ए- मिल्लत काउंसिल बना रखा है.
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7 अक्टूबर 2001 को रजा खान ने अपना संगठन बनाया था. अपने पहले म्युनिसिपल इलेक्शन में पार्टी को 10 सीटों पर जीत भी मिली. मेयर पद पर पार्टी के कैंडिडेट को 36 हजार वोट मिले. 2009 के आम चुनाव में रजा खान ने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिया, नतीजे में पार्टी कैंडिडेट प्रवीण सिंह आरोन ने 6 बार के बीजेपी सांसद रहे संतोष गंगवार को शिकस्त दे डाली.
हालांकि, बाद में भी मौलाना तमाम राजनीतिक दलों को आशीर्वाद देते रहे हैं, लेकिन वे अपने खुद के शहर बरेली में मुसलमान मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सके, जहां बरेलवी मसलक के मुसलमानों की संख्या सबसे ज्यादा है. बरेली की शहरी सीट बीजेपी को जाती रही है. यहां से बीजेपी के डॉ. अरुण कुमार मौजूदा विधायक हैं.