UP Election 2022: वरुण गांधी का तंज, दिन में चुनावी रैली रात में कर्फ्यू का मतलब क्या है?

Updated : Dec 27, 2021 15:44
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Editorji News Desk

UP Election 2022: देश में ओमीक्रॉन का ख़तरा बढ़ रहा है. वहीं कोरोना मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है. ऐहतियातन यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है. पीएम मोदी भी कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रह हैं. हालांकि चुनावी रैली को लेकर अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने इस दोहरे रवैये को लेकर सवाल खड़ा किया है. 

वरुण गांधी ने यूपी में हो रही चुनावी रैलियों और रात में कर्फ्यू लगाने को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर तंज कसते हुए लिखा कि रात में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि दिन में रैलियों में लाखों की संख्या में लोगों को बुलाया जा रहा है. 

वरुण गांधी ने लिखा, 'रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना – यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है. उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें इमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन.'

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फ़ैसले को लेकर भी उनका मज़ाक बनाया जा रहा है. योगी सरकार की नई कोविड गाइडलाइन के मुताबिक शादियों में अधिकतम 200 मेहमानों की सीमा तय की गई है.

दरअसल एक तरफ योगी सरकार ने शादियों में मेहमानों की सीमा तय की है, वहीं दूसरी तरफ चुनावी रैलियों में जमकर भीड़ जुटाई जा रही है. नाइट कर्फ्यू की घोषणा से एक दिन पहले ही बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हजारों की भीड़ को संबोधित किया था. इस रैली में हज़ारों की संख्या में लोग जमा हुए दिखाई दे रहे थे. इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग तो छोड़ दीजिए, इनमें से किसी ने मास्क तक नहीं लगाए थे.

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आपको याद होगा इसी साल अप्रैल-मई में कोविड की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश में हुए 'ऐतिहासिक' पंचायत चुनावों के दौरान कई लोगों की जानें गई थीं. चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उसके बाद हुई मतगणना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला. कई लोगों की मौत अस्पताल जाने से पहले ही हो गई.

चुनाव ड्यूटी में लगे हजारों सरकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमण के साथ अपने घर पहुंचे और इनमें से कइयों ने अपनी जान तक गंवा दी. ऐसे में एक बार फिर कोरोना की तीसरी संभावित लहरों के बीच चुनावी रैलियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

UP Election 2022Varun Gandhi

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