सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश, सपा के गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी की कहरल सीट से ताल ठोक रहे हैं. विधानसभा चुनाव में, अखिलेश के करहल सीट से उतरने के बाद ये हॉट सीट बन गई है. बीजेपी ने उनके खिलाफ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) को मैदान में उतारा है. सपा ने भले ही पिछले 6 विधानसभा चुनाव में से 5 बार ये सीट जीती है, लेकिन इस बार अखिलेश के लिए राह आसान नहीं है.
मैनपुरी से अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव सांसद है. इस सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा माना जाता है. इस सीट के जातिगत समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा में कुल 3 लाख 71 हजार वोटर हैं. इस सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या 1.4 लाख और दलित मतदाताओं की संख्या 70 हजार हैं. करहल में लगभग 14 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. वहीं, करहल में शाक्य मतदाताओं की संख्या करीब 35 हजार है. करहल में ब्राह्मण और उच्च जाति को मिलाकर 1.5 लाख मतदाता है.
यूपी में साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से वोटिंग पैटर्न में बदलाव देखा गया है. बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में दलितों के लिए आरक्षित सीट पर भारी संख्या में जीत दर्ज की है. बघेल को करहल से लड़ाकर बीजेपी ने इस चुनाव को यादव बनाम गैर यादव बना दिया है. अगड़ी जातियों को बीजेपी को वोटबैंक माना जाता है. अखिलेश यादव को यादव-मुस्लिम एकता पर भरोसा है. वहीं, बीजेपी दलित, ब्राह्मण और उच्च जाति पर निर्भर है. ऐसे में बीजेपी का बघेल पर लगाया गया दांव इस सीट पर चौंकाने वाले नतीजे भी दे सकता है.