उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को BJP ने छह साल के लिए पार्टी ने बर्खास्त कर दिया है. ये फैसला रविवार देर रात लिया गया. हालांकि इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. इन साइड स्टोरी ये कहती है कि खुद हरक भी कांग्रेस में जाना चाहते थे और BJP भी उन्हें अपने पास नहीं रखना चाह रही थी.
सच्चाई ये है कि BJP से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की पटकथा कई दिनों से लिखी जा रही थी...खुद हरक भी भगवा चोले से सरक जाने का पूरा माहौल बना रहे थे...इसकी इनसाइड स्टोरी हम आगे बात करेंगे...लेकिन पहले ये सुन लेते हैं कि बर्खास्त होने वाले हरक और बर्खास्त करने का फैसला करने वाले पुष्कर सिंह धामी क्या कह रहे हैं.
जाहिर है ये बयान वैसा ही जैसा किसी नेता को निकालने के बाद रस्मी तौर पर दिया जाता है....लेकिन जानकार बताते हैं कि विधानसभा चुनावों के ऐलान से पहले से ही इसकी स्क्रिप्ट पर काम चल रहा था...
यूं शुरू हुआ हरक का विवाद?
बीते 24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे हरक
कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण की मांग कर रहे थे हरक
हरक के ये तेवर देख धामी सरकार ने कॉलेज को दे दी मंजूरी
मान-मनुहार हुई तो हरक भी राजी होते दिखने लगे
देहरादून के सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज तो बहाना है हरक कुछ और ही चाहते थे...लिहाजा CM धामी ने उन्हें डिनर पर बुलाया...लेकिन वहां भी बात नहीं बनी. जानिए हरक की कौन सी हसरतें थीं जिसे बीजेपी पूरा नहीं कर पाई?
हरक की ये हसरते हैं विवाद की जड़
हरक कोटद्वार सीट छोड़कर केदारनाथ से चुनाव लड़ना चाहते थे
लेकिन केदारनाथ की पूर्व MLA शैलारानी उनके खिलाफ खड़ी हो गईं
डोईवाला‚ लैंसडाउन‚ रायपुर‚ यमुनोत्री और सहसपुर सीट चाहते थे
उमेश शर्मा, केदार सिंह रावत और बहु अनुकृति के लिए मांग रहे थे टिकट
इन सभी सीटों पर BJP के वर्तमान विधायकों ने जता दी अपनी नाराजगी
BJP ने एक परिवार, एक टिकट की नीति का हवाला देकर किया इनकार
हरक को लग गया था कि वे अपने समर्थकों को तो छोड़िए अपने घर वालों को भी टिकट नहीं दिला पाएंगे...लिहाजा अंदरखाने उनकी कांग्रेस से बातचीत शुरू हो गई. BJP को भी इसकी खबर लग गई...इसी वजह से मोलभाव करने की हरक की पावर कम हो गई...शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में कोर ग्रुप की बैठक में भी वे शामिल नहीं हुए...इसके बाद रविवार शाम को ही वे अपनी बहू अनुकृति और विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली पहुंच गए. यहां वे अमित शाह और दूसरे नेताओं से बातचीत करना चाह रहे थे...लेकिन तब तक BJP उन्हें निकालने का फैसला कर चुकी थी. उनके निकाले जाने पर भाजपा के बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक महेंद्र भट्ट ने ट्वीट कर कहा- देर से ही सही पार्टी का अच्छा निर्णय.