नैनीताल जिले ( Nainital District ) का हिस्सा, रामनगर सीट ( Ramnagar Seat ), उत्तराखंड की सत्ता का रास्ता कही जाती है. सीट से जुड़ी मान्यता यह है कि रामनगर में जो भी पार्टी जीतती है, वह राज्य में सरकार बनाती है.
और आंकड़े भी इसी का साथ देते हैं.
साल 2000 में, जब यूपी के विभाजन के बाद ये राज्य बना था, सीएम एनडी तिवारी ( ND Tiwari ) ने चुनाव लड़ने के लिए रामनगर को चुना
2002 में, कांग्रेस के योगंबर सिंह रावत ने सीट जीती और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी.
2007 में, रामनगर में बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट को जीत मिली और पार्टी ने चुनाव जीता.
इसके बाद 2012 में, रामनगर में कांग्रेस की अमृता रावत जीतीं और पार्टी ने सत्ता में वापसी की.
2017 में हुए पिछले चुनाव में, बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट ने इस सीट पर जीत हासिल की थी और बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई.
रामनगर पर एक बार फिर सबकी निगाहें हैं. इस बार मुकाबला बीजेपी के दीवान सिंह बिष्ट और कांग्रेस के महेंद्र पाल सिंह के बीच है.
रामनगर, पहाड़ी राज्य का एक अहम टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क इसी सीट के अंतर्गत आता है.
रामनगर का केवल एक छोटा सा हिस्सा पहाड़ी है और इसका ज्यादातर इलाका मैदानी है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र में अवसरों की वजह से, इस विधानसभा क्षेत्र में पहाड़ी और मैदानी दोनों तरह के लोगों की आबादी है.
रामनगर के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि इसमें कुमाऊं और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों के मतदाता हैं.
तो इस बार रामनगर में किसे जीत मिलेगी?
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