आजादी के बाद से भारत के इतिहास में सबसे बड़ी सजा का ऐलान शुक्रवार को अमहदाबाद ब्लास्ट केस में आया. यहां एक विशेष अदालत ने एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जबकि 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली. सजा-ए-मौत का ये आंकड़ा देश में सबसे बड़ा है.ऐसे में इस पूरे मामले को टोटल रिकॉल करना दिलचस्प रहेगा. सबसे पहले ये जान लेते हैं कि क्या हुआ था उस दिन अहमदाबाद में ?
दरअसल जिस समय अहमदाबाद में आतंकियों ने खून की ये होली खेली थी उस वक्त गुजरात में मौजूदा PM नरेन्द्र मोदी ही मुख्यमंत्री थे. ब्लास्ट के तुरंत बाद ही गुजरात सरकार ने स्पेशल टीम का गठन किया.
इस केस के सभी 78 आरोपियों में से 49 पर UAPA की तहत मुकदमा दायर हुआ था हालांकि कुल आरोपियों में से 29 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे. केस की सुनवाई के दौरान 11 सौ से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हुए थे.
अहम ये है कि इसी केस के बाद देश ने सबसे पहले कुख्यात आतंकी भटकल बंधुओं का नाम सुना...जिसकी वजह से कर्नाटक के भटकल गांव की खूब बदनामी भी हुई. इन भटकल बंधुओं में सबसे बड़ा नाम यासीन भटकल का रहा. इस पर देश के 12 से अधिक शहरों में ब्लास्ट का आरोप है. यासीन इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर मेंबर भी रहा है.