Bank Customers Rights: बैंक में जब भी जाने की बात हो तो ऐसा लगता है कि दो से तीन घंटे तो लगेंगे ही लगेंगे. क्योंकि लंबी लाइन, बार-बार डॉक्यूमेंट्स को लेकर दूसरी डेट पर बुलाना वगैरह-वगैरह की झंझट. इस बीच ग्राहकों की परेशानी तो बढ़ती ही है, कभी-कभी बैंक के कर्मचारी भी अपना आपा खो देते हैं.
ऐसे कई केसेस भी सामने आए, जिसमें बैंक कर्मचारी ग्राहकों से बदतमीजी से बात करते हैं, उनका टाइम खराब करते हैं, मिनटों के काम के लिए रोज-रोज बैंक के चक्कर लगवाते हैं. आज 'बात आपके काम की' में हम बैंकिंग सर्विस से रिलेटेड ग्राहकों के अधिकारों के बारे में जानेंगे. साथ ही अधिकारों के हनन पर शिकायत कहां करें.
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साथ ही बैंक कर्मचारी एक साथ लंच ब्रेक पर नहीं जा सकते हैं. ये RBI का नियम है कि बैंक अधिकारी एक-एक करके लंच ब्रेक ले सकते हैं. इस बीच बैंक का काम नियमित रूप से चलना चाहिए. ग्राहकों को घंटों इतजार कराना नियमों के खिलाफ है, इसलिए अगर बैंक कर्मचारी लंच के नाम पर आपको घंटों इंतजार कराएं या काम में लेट-लतीफी करें तो इसकी शिकायत आप कर सकते हैं.
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ग्राहकों की शिकायत दर्ज करने के लिए बैंकों में कस्टमर कम्प्लेन्ट रजिस्टर (Customer Complaint Register) होते हैं, जहां शिकायत (https://rbi.org.in/Scripts/Complaints.aspx) लिखा जा सकता है. या फिर बैंक मैनेजर और नोडल ऑफिसर से भी कम्प्लेन्ट किया जा सकता है.
इसके अलावा लगभग हर बैंक ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम (Grievance Redressal Forum) की सुविधा देती है. यानी ग्राहक किसी बैंक कर्मचारी की शिकायत यहां भी दर्ज करवा सकते हैं. इसके लिए बैंक के ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर या मेल आईडी पर कम्प्लेन्ट फाइल कर सकते हैं. ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर आपको बैंक की वेबसाइट से मिल सकता है.
एक और बात कि शिकायत करने के बाद भी अगर बैंक कोई एक्शन ना ले तो क्या करें...इसके लिए भी RBI ने सुविधा दी है.
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आप बैंक की शिकायत अपने शहर के बैंकिंग लोकपाल के ऑफिस में जाकर सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन यानि कि टोल फ्री नंबर 14448 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हालांकि इसके लिए भी कंडीशन है.
जैसे जिस बैंक से रिलेटेड समस्या है, उस बैंक ने ग्राहक की शिकायत रिसीव की हो और उनकी तरफ से एक महीने के अंदर ग्राहक को कोई जवाब न दिया गया हो. बैंक ने ग्राहक की शिकायत ही खारिज कर दी हो. या फिर बैंक ने ग्राहक को जो जवाब दिया हो, उससे वह संतुष्ट न हो.
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