PM Vishwakarma Yojna In UP: कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (Pradhanmantri Vishwakarma Yojna) को डेढ़ महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस दौरान सामने आया कि जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य यानी उत्तर प्रदेश में इस योजना को बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.
17 सितंबर से प्रदेश में लागू हुई योजना के जरिए अब तक 76 हजार कारीगरों ने आवेदन किए हैं. अब योजना के तहत कारीगरों को टूलकिट कब मिलेगा, आर्थिक राशि कब मिलेगी...और विश्वकर्मा योजना के तहत अप्लाई करने का क्या तरीका है, आज 'बात आपके काम की' में हम इन्हीं सब बातों को विस्तार से जानेंगे.
सबसे पहले बता दें कि पीएम योजना (PM Yojna) की शुरुआत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुई है.
यूपी में 76 हजार कारीगरों के आवेदन के बाद इस योजना को पंख लग गए हैं. जी हां, इन आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद सभी चयनित विश्वकर्मा यानी कारीगरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. फिर उन्हें ई वाउचर के रूप में टूलकिट की खरीद के लिए 15 हजार रुपये की राशि भी दी जाएगी. बता दें कि इसमें सभी 18 ट्रेड्स शामिल हैं.
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इन ट्रेड्स के बारे में बात करें तो नाव बनाने वाले, बढ़ई, आरमोरर अस्त्र बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा व टूलकिट बनाने वाले, ताला मेकर, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी बुनकर, गुड़िया व खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार गारलैंड मेकर, धोबी, दर्जी व मछली का जाल बनाने वाले श्रमिक शामिल हैं.
कारीगरों को कुशल ट्रेनिंग देने के साथ ही उन्हें आर्थिक तौर पर भी मदद मिलेगी, उनके कौशल को भी निखारा जाएगा, लेकिन एक ट्रेड है, जिसमें सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं और वो है दर्जी ट्रेड.
यूपी में 76 हजार आवेदनों में से 42 हजार से ज्यादा आवेदन दर्जी ट्रेड में मिले हैं. इसी तरह मिस्त्री ट्रेड में करीब 9000, बढ़ई में करीब 7 हजार, लोहार ट्रेड में करीब 4 हजार एप्लीकेशन मिले हैं. वहीं, नाई ट्रेड में 2600 से अधिक, मालाकार में 1500 से अधिक, हैमर और टूल किट मेकर ट्रेड में 1300 से अधिक और धोबी व टॉय मेकर में एक-एक हजार से अधिक आवेदन मिले हैं.
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अगर आपने विश्वकर्मा योजना के तहत अप्लाई किया है तो बता दें कि आवेदन करने के बाद तीन स्तर (पंचायत या यूएलबी, जिला और राज्य) पर सत्यापन की कार्यवाही होगी.
लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड मिलेगा. लाभार्थी की डिटेल को एमएसडीई को भी भेजा जाएगा. इसके बाद 5 दिन की बेसिक स्किल ट्रेनिंग होगी, फिर सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा.
इसके बाद चुनिंदा लोगों को 15 दिन या इससे अधिक की एडवांस स्किल ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट दी जाएगी और फिर लाभार्थी को मिलेगा 15 हजार रुपये टूलकिट इंसेंटिव्स के लिए.
साथ ही एक लाख रुपये के प्रारंभिक वित्त अंश के लिए आवेदन की जानकारी को बैंक को देना होगा. क्रेडिट रिपोर्ट देखने के बाद बैंक लाभार्थी को एक लाख रुपए का लोन देगा. आपको बता दें कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए लोन चुकाने वाले और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग लेने वाले लाभार्थी को 2 लाख रुपए के दूसरे लोन की भी सुविधा दी जाती है.
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