Jharkhand Gram Gadi Yojna: देश भर में कई हिस्सों में बसे ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर गाड़ियां नहीं जा पाती हैं. फिर यहां रहने वाले लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलकर जिला मुख्यालय या फिर किसी नजदीकी चौक-चौराहे से कहीं जाने के लिए गाड़ी पकड़नी पड़ती है. ऐसे लोगों को अब पैदल चलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने जनता को मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की सौगात दी है.
इस योजना के तहत राज्य के सुदूर इलाकों तक गाड़ियां यानी कि बसें चलाई जाएंगी. गांव के प्रखंड तक और जिला मुख्यालय एवं शहर तक आवागमन की सुविधा को आसान बनाया जाएगा. और कुछ खास क्या है इस योजना में, आज 'बात आपके काम की' में जानते हैं.
ग्रामीण मार्गों से शहर मुख्यालय तक हर दिन 22 से 42 सीटर बसें चलेंगी. जो हर दिन 1533 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इन पर रोड टैक्स पर 100 फीसदी छूट भी है. राज्य की गरीब जनता जो शहर जाने के लिए सुबह-सुबह घर से पैदल चलकर कई किलोमीटर जाते हैं, फिर वहां से वाहन पकड़ते हैं और फिर देर रात तक काम के बाद घर वापस लौटते हैं. ऐसे लोगों को गाड़ी मिल जाने से इन समस्याओं से निजात मिलेगी.
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अब जानते हैं वे कौन से नागरिक हैं, जिन्हें मुफ्त सफर का लाभ मिलेगा. इसमें 60 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक, विधवा महिलाएं, छात्र-छात्रा, ग्रामीण इलाकों के किसान, नेत्रहीन व्यक्ति, एचआईवी संक्रमित मरीज, विकलांग या फिर कोई मान्यता प्राप्त झारखंड के आंदोलनकारी हैं.
राज्य सरकार के इस योजना के लिए जहां ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा. वहीं, ट्रांसपोर्टर जो इस योजना में सहभागी बनेंगे, उन्हें भी रियायत देकर लाभान्वित करने की कोशिश सरकार की है.
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सरकार ने नए वाहनों के क्रय में लगने वाले वार्षिक ब्याज में 5 फीसदी सब्सिडी 5 साल तक देने का प्रावधान किया है. अगर कोई इस योजना के तहत फोर व्हीकल या इससे ज्यादा व्हीकल वाले वाहन खरीदना चाहता है तो उसे लोन लेने पर 5 फीसदी ब्याज दर की छूट भी मिलेगी.
इसके अलावा रोड टैक्स से जहां छूट दी गई है, वहीं गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुल्क एक रुपये, परमिट आवेदन एक रुपये, फिटनेस टेस्ट एक रुपये निर्धारित किया गया है. इन गाड़ियों की निगरानी गाड़ियों में लगे जीपीएस द्वारा किया जाएगा.
तो अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपके पास आधार कार्ड, आय और निवास प्रमाण पत्र, आयु और विकलांग प्रमाण पत्र, विधवा प्रमाण पत्र, छात्र आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी रिजल्ट कर्मचारी सर्टिफिकेट या फिर बीमार व्यक्ति के पास अस्पताल का प्रमाण पत्र होना चाहिए.
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