Copyright Laws: आज हर कोई डिजिटल क्रिएटर बनने की होड़ में लगा है. हर क्षेत्र में लोग तरह-तरह के कॉन्टेंट तैयार कर रहे. इसी में किसी-किसी के कॉन्टेंट कॉपी हो जाते हैं. फिर क्या, इस इंटरनेट की दुनिया में ऐसे लोगों का पकड़ा जाना ज्यादा मुश्किल तो नहीं है. लेकिन हां, कॉपीराइट को लेकर कुछ कानून बनाए गए हैं, जिसे फॉलो करना हर किसी की जिम्मेदारी है. नहीं तो सजा का भी प्रावधान है.
आज 'बात आपके काम की' में जानेंगे कि कॉपीराइट क्या है. भारत में कॉपीराइट को लेकर क्या कानून हैं. कॉपीराइट का उल्लंघन करने पर क्या सजा मिल सकती है.
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सरल भाषा में समझें तो कॉपीराइट का मतलब कि ऐसा कॉन्टेंट, जिसे आपने प्रोड्यूस किया है तो उस पर सिर्फ आपका अधिकार है. कॉन्टेंट पर जिसका कॉपीराइट है, सिर्फ वही अपने प्रोडक्ट या कृति को कॉपी कर सकता है, बेच सकता है या फिर किसी भी तरह से यूज कर सकता है.
अगर कोई दूसरा इस कॉन्टेंट का इस्तेमाल अपने मतलब के लिए करता है तो कॉन्टेंट का रियल क्रिएटर कॉपीराइट कानून के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है.
कॉपीराइट कानून किसी व्यक्ति के काम को कानूनी रूप से प्रोटेक्ट करता है. जिसके जरिए आप अपने लिटरेचर, संगीत समेत कई फील्ड्स में मूल काम को किसी और के द्वारा कॉपी किए जाने या मिसयूज किए जाने से बचा सकते हैं.
इसके तहत कामों की बात करें तो लिटरेचर या साहित्य, म्यूजिकल कम्पोजिशन, कलात्मक काम (जैसे-पेंटिंग, आर्ट वर्क, फोटोग्राफी), रिकॉर्डेड साउंड (जैसे- कोई सॉन्ग, नाटक भाषण), मूवी, टीवी या रेडियो ब्रॉडकास्ट, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर (जैसे-कोडिंग-ग्राफिक्स या फिर कोई वीडियो गेम आते हैं.
बता दें कि इन सब चीजों पर क्रिएटर का पूरी तरह से हक होता है. उसके कॉन्टेन्ट का पर्सनल इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन उसका प्रसार करना या कॉमर्शियली यूज करना कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाता है. आप क्रिएटर की इजाजत लेने के बाद उसके कॉन्टेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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भारत में कॉपीराइट एक्ट की धारा 52 की तहत किसी भी कॉन्टेंट का पर्सनल इस्तेमाल करना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है. कॉपीराइट अधिनियम 1957 के तहत कॉपीराइट लिया जाता है.
कॉपीराइट लेने के लिए कॉन्टेंट की दो कॉपी, डीडी, ऑथर से एनओसी, पब्लिशर से एनओसी, अगर आवेदन अटॉर्नी की ओर से किया गया है तो पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत पड़ती है.
कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन और दोषी पाए जाने पर 1 साल तक की सजा तक का प्रावधान है. साथ ही, उल्लंघन करने वाले ने कॉन्टेंट को कॉपी कर जितना भी प्रॉफिट कमाया है, उस हिसाब से क्रिएटर उतना डैमेज क्लेम मांग सकता है. gfx out
बता दें कि नॉर्मली क्रिएटर का अपने कॉन्टेंट पर अधिकार मरने के 60 साल तक होता है. अगर फीस की बात करें तो 50 रुपये से 600 रुपये तक लगते हैं.
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