दिल्ली की नई आबकारी नीति (Excise Policy) को लेकर बवाल जारी है. रविवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को CBI ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि नई नीति से दिल्ली एक्साइज एक्ट (Delhi Excise Act) और दिल्ली एक्साइज रूल्स (Delhi Excise Rules) का उल्लंघन हुआ है.
इतना ही नहीं शराब (Wine) बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ किए जाने से सरकार को करीब 144 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. बतौर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रावधानों की अनदेखी की. इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने नई एक्साइज पॉलिसी पर सवाल खड़े किए और इसकी CBI जांच की सिफारिश कर दी. हालांकि 1 सितंबर से पुरानी आबकारी नीति लागू हो जाएगी. लेकिन नई आबकारी नीति है क्या और किन मुद्दों पर इतना हंगामा मचा है ?
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आरोप है कि दिल्ली सरकार ने नई नीति बनाने में नियमों और प्रक्रियाओं को ताक पर रख दिया. नीति लागू कराने के लिए आबकारी मंत्री को कई अधिकार दे दिए गए. 21 मई, 2022 को कैबिनेट मीटिंग में फैसला वापस लिया गया. लेकिन बावजूद आबकारी विभाग (Excise Department) मनमाने तरीके से फैसलों को लागू करता रहा. आरोप है नई नीति से कुछ बड़े प्लेयर्स अपने स्टोर्स पर भारी डिस्काउंट और ऑफर्स देने लगे, जिससे शराब के कई छोटे वेंडर्स ने दुकानें बंद कर दी. आरोप है कि सरकार ने एक्साइज विभाग के शराब विक्रेताओं की 144 करोड़ की लाइसेंस फीस माफ कर दी.
दरअसल दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021 में लागू हुई थी. नई नीति के तहत पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया. बताया जा रहा है कि इनमें करीब 849 लाइसेंस आवंटित किए गए थे. हर जोन में औसतन 26 से 27 शराब की दुकानें खुल रही थी. खबर के मुताबिक कुल 849 में से करीब 650 दुकानें खुल गई. अब तक 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी प्राइवेट हाथों में थीं, लेकिन नई नीति के बाद 100 फीसदी दुकाने प्राइवेट हाथों में चली गई थीं.
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