गोवंशों में हो रही लंपी बीमारी का कहर जारी है. पशुपालन विभाग के मुताबिक देश के लगभग 8 राज्य इससे प्रभावित हैं और करीब 17 लाख गाय लंपी वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं, जिसमें से 75 हजार से ज्यादा गोवंश मारे गए हैं. देश के 197 जिलों में लंपी स्किन वायरस का संक्रमण देखने को मिल चुका है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही मन में उठ रहा है, कि लंपी वायरस से संक्रमित गाय का दूध पीना कितना सुरक्षित है.
क्या लंपी वायरस से पीड़ित गाय का दूध पीना सुरक्षित है?
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ( Indian Veterinary Research Institute) यानि आईआरवीआई (IVRI) ने बताया है कि लंपी वायरस से संक्रमित गाय का दूध कितना खतरनाक हो सकता है, इसको लेकर IVRI ने कहा कि एलएसडी एक प्राणीजन्य रोग (zoonotic disease) है. यानि (Lumpy Skin Disease) लंपी स्किन बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं है. आईआरवीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरके मोहंती के मुताबिक गाय का दूध (Cow's milk) पीना नुकसानदायक नहीं है, इसे उबालकर या बिना गर्म किए भी पिया जा सकता है.
दूध उत्पादन पर असर
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के मुताबिक जब गोवंश संक्रमित (cattle infected) होते हैं, तब बुखार और अन्य लक्षणों की वजह से उनका शरीर कमजोर होने लगता है और इससे दूध के उत्पादन में कमी आती है. हालांकि पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान कहते हैं कि देशभर में सिर्फ 1 प्रतिशत गाय ही इससे प्रभावित हुई हैं. ऐसे में देशभर में दूध उत्पादन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है.
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क्या है लंपी वायरस बीमारी ?
बता दें कि एलएसडी एक संक्रामक रोग है, जिसमें गोवंश के शरीर पर गांठ निकलने लगती है और त्वचा पर गंभीर इन्फेक्शन होने के सात ही पशुओं को बुखार आने लगता है, जिससे पशुओं की मौत भी हो जाती है. लंपी वायरस संक्रमित मख्यियों, मच्छरों से सीधे संपर्क में आने से फैलती है. दूषित पानी और हवा के ज़रिए भी ये रोग पशुओं में फैलता है.
क्या है लंपी वायरस का इलाज ?
IVRI के ज्वॉइंट डायरेक्टर मोहंती के मुताबिक गोवंशों को वक्त रहते टीका दे दिया जाए तो रोग के असर को कम किया जा सकता है. मोहंती ने बताया कि फिलहाल इस जानलेवा वायरस को रोकने के लिए पशुओं को 'गोट पॉक्स' का टीका दिया जा रहा है. वहीं लंपी वायरस से बचाव के लिए एक नया टीका भी तैयार किया गया है, जिसके नियामक एजेंसियों की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इस्तेमाल किया जाएगा.
राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित
लंपी वायरस का कहर गुजरात, यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में देखने को मिल रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य राजस्थान है, यहां अबतक लंपी वायरस से 11 लाख से ज्यादा गाय प्रभावित हो चुकी हैं और 51 हजार से ज्यादा गायों की मौत हुई है.
कब आया LSD का पहला केस ?
लंपी वायरस का पहला मामला इसी साल अप्रैल में गुजरात के कच्छ में देखा गया था. तब गाय में लंपी वायरस के लक्षण दिखे थे. अप्रैल से सितंबर तक करीब 17 लाख गायों को इसने अपनी चपेट में लिया है.
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