Mulayam Singh Yadav Biography and Political Journey: सैफई के एक किसान परिवार में जन्म...फिर अखाड़े में कुश्ती और फिर सियासी मैदान में विपक्षियों को मात देकर लोगों के लिए 'नेताजी' बने मुलायम सिंह यादव ने 10 अक्टूबर 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया.
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बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज इसे एक युग का अंत बता रहे हैं. लेकिन, मुलायम अपने पीछे 50 सालों से भी ज्यादा की लंबी सियासी पारी छोड़ गए हैं. जिसमें एक किसान के बेटे से धरतीपुत्र और फिर नेताजी के मुकाम तक पहुंचने की दास्तान और इस दौरान रास्ते में आई अड़चनों और सफलताओं के कई किस्से छिपे हैं. आइए जानें पहलवान से एसपी संस्थापक बन 5 दशक तक यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में पकड़ बनाए रखने वाले मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर के बारे में
22 नवंबर 1939 को इटावा के सैफई में जन्म
पिता सुघर सिंह यादव किसान थे
पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई
मुलायम सिंह यादव ने 2 शादियां की थीं
बड़े बेटे अखिलेश और छोटे बेटे का नाम प्रतीक
राजनीति में एंट्री करने से पहले कुश्ती लड़ते थे मुलायम
7 बार लोकसभा सांसद और 8 बार विधायक चुने गए
1967 में 28 की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने
1977 में यूपी सरकार में सहकारी और पशुपालन मंत्री रहे
1980 में जनता दल प्रदेश अध्यक्ष बने मुलायम सिंह यादव
1985-87 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे
5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार UP के सीएम बने
1992 में SP का गठन किया और सियासत में गहरी पैठ बनाई
दूसरी बार 1993 में और तीसरी बार 2003 में UP के CM बने
देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली
मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद रहते हुए हुआ निधन