'महिलाएं घूंघट नहीं करतीं, भागकर प्रेम विवाह करने का रिवाज है, और जब चाहे पति को तलाक दे सकती हैं.' ये बेहद रोचक प्रथा है संथाल समाज (Santali community) की. अब आप सोच रहे होंगे कि इस समाज की बात आखिर क्यों हो रही है. तो हम आपको बता दें कि देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) इसी समाज से आती हैं. द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी हैं, जो संथाल आदिवासी समुदाय से आती हैं.
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• महिलाएं भागकर शादी करती हैं
• महिलाएं जब चाहें पति को दे सकती हैं तलाक
• इस समुदाय में तलाक देने पर कोई रोक नहीं है
• महिला-पुरुष में से कोई भी तलाक दे सकता है
• एक संथाली महिला अपनी देखभाल नहीं पर तलाक दे सकती है
• किसी अन्य पुरुष से शादी करने की इच्छा के आधार पर तलाक दे सकती है
• साथ ही संथाल समाज की बहुएं घूंघट नहीं करती हैं
• पत्नी के गर्भवती होने पर पति किसी जानवर को नहीं मारता
• पत्नी के गर्भवती होने पर पति अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होता
• संथाल समुदाय की महिलाएं टैटू जरूर बनवाती हैं
• मृत्यु के बाद अस्थियों को दामोदर नदी में ही विसर्जित किया जाता है
• झारखंड के संथाल जनजाति ने 1855 में ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था
• संथाल समुदाय के लोगों का 12 तरीकों से होता है विवाह
• संथाल समुदायों की लिटरेसी रेट सबसे ज्यादा
• 55.5% संथाली लोग पढ़े लिखे हैं
• गोंड और भील के बाद संथाल देश का तीसरा सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है
• संथाल को संताल (Santal) भी कहा जाता है.
• इसमें 'सांथा' का मतलब 'काम' और 'आला' का मतलब 'मैन' होता हैं. यानी शांत व्यक्ति
• संथाल जनजाति में पुरुषों की आबादी 44.57 लाख, महिलाओं की आबादी 44.9 लाख