मथुरा सिविल कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद (Shri Krishna Janmabhoomi Dispute ) में शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Mosque Eidgah) के अमीन सर्वेक्षण के आदेश जारी किए हैं, इसी को लेकर मुस्लिम पक्ष 2 जनवरी को कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहा है, तो चलिए समझते हैं कि करीब 190 साल पुराना श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद क्या है ?
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद?
बता दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दशकों से विवाद चला आ रहा है. विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के निर्माण की बात हुई थी. अभी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है, लेकिन हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा कर बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर अपना दावा करता है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग करता है.
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मथुरा सिविल कोर्ट ने दिए मस्जिद के सर्वे के आदेश
मथुरा सिविल कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है, जिसमें पूरी जमीन लेने और श्री कृष्ण जन्मभूमि के बराबर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है. इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की कोर्ट ने शाही ईदगाह के विवादित स्थल के सर्वे का आदेश दिया है और इसकी रिपोर्ट सभी पक्षकारों को 20 जनवरी तक सौंपने को कहा गया है.
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