National Herald Case Explained in hindi : नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन भेजा है. यह मामला आप पिछले दस सालों से सुन रहे होंगे. कई लोग ऐसे होंगे जो जानना चाह रहे होंगे कि आखिर यह नेशनल हेराल्ड केस है क्या? और इतने दिनों से चल क्या रहा है? अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए ही है.
घटना की शुरुआत होती है 1938 से, जब कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी. इसी के तहत 1939 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकालने की शुरुआत हुई. आगे चलकर AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस कर्ज को खत्म करने के लिए यंग इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई. इस कंपनी में राहुल और सोनिया दोनों की 38-38% की हिस्सेदारी थी. AJL ने यंग इंडिया कंपनी को अपने 9 करोड़ शेयर दिए. वादा हुआ कि इस शेयर के बदले में यंग इंडिया AJL के कर्ज का हिसाब-किताब करेगी. यानी कर्जा चुकाएगी. लेकिन शेयर में हिस्सेदारी बढ़ने की वजह से AJL कंपनी पर यंग इंडिया का मालिकाना हक़ हो गया.
साल 2008 में AJL के सारे पब्लिकेशंस बंद कर दिए गए. तब कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था. कांग्रेस ने AJL के पूरे कर्ज माफ कर दिए. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध तरीके से उपयोग कर रहा है.
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इस समन को लेकर कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि सोनिया गांधी 8 जून को पूछताछ में शामिल होंगी. अगर, राहुल दिल्ली में रहे, तो वे भी 8 जून को पूछताछ में शामिल होंगे, अन्यथा ED से समय लेंगे.