Patanjali Ad Controversy: भ्रामक विज्ञापन केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाई. जिसके बाद रामदेव ने हाथ जोड़कर कोर्ट से माफी मांगी. लेकिन आपको बता दें कि पतंजलि और विवादों का पुराना नाता है.
कोरोनिल पर हुआ था विवाद
जून 2020 में, जब हर दिन हजारों लोग Covid-19 से मर रहे थे, पतंजलि ने कोरोनिल (Coronil) जारी की. जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई.
दंत मंजन और कटलफिश विवाद
इसके बाद साल 2023 में पतंजलि अपने दंत मंजन में कथित तौर पर कटलफिश (Cuttlefish) का उपयोग करने के कारण विवादों में घिर गई थी, जिसे शाकाहारी के रूप में चिह्नित किया गया था.
इंस्टेंट नूडल्स और जाली लाइसेंस नंबर
इसके अलावा पतंजलि इंडियन फूड सेफ्टी रेगुलेटर्स के साथ भी विवाद में थी, जिसने कंपनी पर इंस्टेंट नूडल्स के पैकेट पर जाली लाइसेंस नंबर छापने का आरोप लगाया था.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को जवाब दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया. अदालत ने कहा कि एक हफ्ते में जवाब दाखिल कीजिए. अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. अदालत ने कहा कि सुनवाई पर रामदेव और बालकृष्ण मौजूद रहें. सुनवाई के दौरान रामदेव के वकील बलवीर सिंह ने कोर्ट से कहा कि, 'योगगुरु माफी मांगने के लिए यहां मौजूद हैं. भीड़ की वजह से कोर्टरूम नहीं आ पाए.' जब बलवीर सिंह ने माफीनामा पढ़ा तो अदालत ने कहा कि, 'ऐसे मामलों में आदेशों का उल्लंघन करने वाला माफी मांगता है. हमें रामदेव के वकील का माफीनामा नहीं सुनना.'
रामदेव ने बिना शर्त मांगी माफी
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने कहा, 'हम दोनों के खिलाफ झूठी बयानबाजी का केस चलाने का निर्देश रजिस्ट्रार को देते हैं.' सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट रूम पहुंचे और रामदेव ने बिना शर्त माफी मांगी.
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