देवभूमि कही जाने वाले उत्तराखंड में 10 मई से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई है.हर बार की तरह हिन्दू धर्म की आस्था का केंद्र रहे चार धाम में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.आंकड़ों के मुताबिक चार धाम यात्रा में भक्तों की संख्या दोगुनी हो गई है.ख़बर है कि पहले पांच दिनों में ही 11 लोगों की मौत हो गई है.उत्तराखंड सरकार के मुताबिक, मरने वालों में ज्यादातर बुज़ुर्ग और सांस लेने में तकलीफ या अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोग थे. इस साल यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा 10 मई से शुरू हुई थी, जबकि बद्रीनाथ के के कपाट12 मई को खुले.
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि " “यह महत्वपूर्ण है कि श्रद्धालु पूरी स्वास्थ्य से जुड़ी साझा करें, क्योंकि चारों धाम ऊंचाई पर स्थित हैं और गर्म इलाकों से आने वाले लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.” उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे अपनी किसी भी बीमारी को छुपाएं नहीं, और बताया कि उनकी स्वास्थ्य जांच की पूरी व्यवस्था की गई है.
चार धाम का सीधा संबंध उत्तराखंड के चार पवित्र स्थान यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से है. ये चारों तीर्थस्थलों को हिन्दू आस्था का केंद्र माना जाता है.ये चारों धाम उत्तराखंड के पर्वतीय स्थानों पर स्थित हैं. जिसके चलते सर्दियों के महीनों में आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर से अप्रैल या मई तक बंद रहते हैं.
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक अभी तक 2 लाख 70 हजार से अधिक श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं.केदारनाथ में 1.55 लाख से अधिक, यमुनोत्री में 70 हजार से अधिक और गंगोत्री में 63 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। सिर्फ तीन दिनों में ही बद्रीनाथ धाम में 45 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
चार धाम यात्रा में लगातर बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए सरकार ने 31 मई 2024 तक चार धाम यात्रा में वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है.इसका मकसद यह है कि सभी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सकें.
सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर रील बनाने को लेकर भी सख़्त निर्देश जारी किए हैं.मुख्य सचिव राधा रतूरी ने चारों धामों के मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील्स बनाने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा मंदिर परिसर के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन को बैन किया गया है.
श्रद्धालुओं को बिना रजिस्ट्रेशन के उत्तराखंड नहीं आने की अपील की गई है.
बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को ले जाने पर वाहनों के परमिट सीधे रद्द होंगे.
बिना रजिस्ट्रेशन की बसों और गाड़ियों को तत्काल वापस भेजा जाएगा.
हरिद्वार और ऋषिकेश सेंटर में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किए जा रहे थे.
हरिद्वार में ऋषि कुल ग्राउंड में निशुल्क रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया गया है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिए उत्तराखंड सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
चारधाम यात्रा के सभी यात्रियों के लिए भोजन, पानी, शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध है. अगर कोई अफवाह फैलाता है तो इसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
भक्तों की भारी भीड़ के चलते पहाड़ों पर लम्बा ट्रैफिक में काफी यात्री फसें हुए हैं
यात्रियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए यमुनोत्री में गेट सिस्टम लागू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल करीब 50 लाख से ज्यादा लोगों ने चार धाम की यात्रा पूरी की.रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2021 में करीब 5 लाख 18 हजार भक्त चार धाम यात्रा पर पहुंचे थे.वहीं 2022 में ये आंकड़ा 46 लाख 27 हजार के पार पहुंच गया था.साल 2023 में 16 अक्टूबर तक यह आंकड़ा 50 लाख पार कर गया था.
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