Kanhaiya Kumar: तेज तर्रार वक्ता और जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने लेफ्ट पार्टी CPI का साथ छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कन्हैया 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब दिल्ली पुलिस ने उन्हें राजद्रोह (Sedition Row) के कथित मामले में अरेस्ट किया था. पुलिस ने दावा किया था कि 9 फरवरी 2016 को संसद हमले के आरोपी अफजल गुरू की बरसी पर कन्हैया कुमार के नेतृत्व में जेएनयू कैंपस में देशद्रोही नारे लगाए गए थे. हालांकि देशविरोधी नारे केस में न तो दिल्ली हाईकोर्ट को कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत मिला और ना ही दिल्ली सरकार की ज्यूडीशियल कमेटी को.
तब कन्हैया की गिरफ्तारी का विपक्षी दलों ने, देशभर के प्रोफेसर्स ने और शिक्षाविदों ने तीखा विरोध किया था. JNU में गिरफ्तारी के खिलाफ लंबा स्ट्राइक और प्रोटेस्ट भी चला था.
- गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कन्हैया पर कई बार हमला हुआ
- सुप्रीम कोर्ट ने जांच में इसके लिए पुलिसवालों को साफ तौर पर दोषी ठहराया था
- 2 मार्च 2016 को कन्हैया को देशद्रोह के केस में हाईकोर्ट से बेल मिली
- हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा रानी ने कहा था कि कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है
- दिल्ली सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में भी कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था और उन्हें क्लीन चिट दी गई थी
- जेल से छूटने के बाद कन्हैया को जान से मारने की बहुत सी धमकियां मिलीं
- BJP नेता ने उनकी जुबान काटने वाले को 5 लाख का इनाम देने की घोषणा की तो दिल्ली में पोस्टर लगे कि जो कन्हैया को मारेगा उसे 11 लाख का इनाम मिलेगा
आइए अब आपको बताते हैं कन्हैया कुमार के व्यक्तिगत और राजनीतिक सफर के बारे में ...
- बिहार के बेगुसराय जिले में तेघरा के एक गांव में जन्मे कन्हैया कुमार के पिता पैरालाइज्ड हैं
- कन्हैया की मां मीना देवी एक आंगनवाडी कार्यकर्ता हैं, उनकी 3-4 हजार की कमाई में ही उनका और भाई बहनों का लालन पालन हुआ
- पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स से छात्र राजनीति की शुरुआत की, AISF से जुड़े
- जेएनयू से पीएचडी की, 2015 में कन्हैया AISF से JNU छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले छात्र बने
- कन्हैया कुमार पर साल 2016 में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया, जिससे वो सुर्खियों में आए
- बेल पर छूटने के बाद उनका दिया गया भाषण काफी चर्चा में रहा
- 2018 में CPI ने कन्हैया को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया
- 2019 लोकसभा चुनाव में कन्हैया ने बेगूसराय सीट पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को चुनौती दी, हालांकि वो चुनाव हार गए
- 28 सितंबर 2021 को कन्हैया कुमार ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली
- कन्हैया कुमार ने Bihar to Tihar: My Political Journey नाम से एक किताब भी लिखी है
पढ़े लिखे और जबरदस्त वक्ता कन्हैया में कांग्रेस को उम्मीद की किरण दिख रही है, खासकर बिहार में अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस को कन्हैया में अपना भविष्य नजर आ रहा है.