जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के 26वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ग्लासगो पहुंच गए हैं. इस सम्मेलन को COP-26 नाम दिया गया है...जिसमें दुनिया के तमाम देश ने सिर्फ भाग ले रहे हैं बल्कि पर्यावरण के मुद्दे पर अहम फैसले भी ले सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है ये COP-26 और क्या हैं उसके लक्ष्य?
क्या है COP 26?
COP यानी ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’, हिंदी में ‘पार्टियों का सम्मेलन’ कह सकते हैं
COP संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के तहत काम करता है
UNFCCC के तहत फैसले लेने वाला सबसे बड़ा संगठन है COP
इस बार ग्लासगो में इसकी 26वीं बैठक हो रही है इसलिए इसे COP 26 कहा जा रहा है.
UNFCCC में भारत, चीन और अमेरिका समेत 198 देश शामिल हैं
क्या हैं COP 26 के लक्ष्य?
साल 2050 तक दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को जीरो पर लाना
ग्लोबल तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस की अधिकतम वृद्धि तक सीमित रखना
ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले पर चरणबद्ध तरीके से निर्भरता कम करना
जलवायु परिवर्तन रोकने में मददगार तकनीक सभी देशों से साझा करना
सरकारों, उद्योगों और सिविल सोसायटी के बीच साझेदारी बढ़ाना
ये भी पढ़ें: Zydus Cadilla की वैक्सीन के दाम होंगे कम, 265 रुपये प्रति खुराक पर बनी सहमति: रिपोर्ट