ऐसा कम ही होता है कि राजनीति में सब कुछ स्थाई रहे, वक्त जब चुनाव का हो तो अक्सर नेताओं की निष्ठाएं बदल जाती हैं. ऐसे ही एक नेता हैं जो बीते कई दिनों से चर्चा में है, नाम है शुभेंदु अधिकारी. शुभेंदु एक समय पर ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद नेता थे, लेकिन अब उन्होंने दीदी का साथ छोड़ दिया है. आइए जानते हैं कौन हैं शुभेंदु अधिकारी, कितना है उनका राजनीतिक वजन और किस पर पड़ेंगे वो कितने भारी.
कौन हैं शुभेंदु अधिकारी
\\\ विरासत में मिली राजनीति, पिता शिशिर अधिकारी मनमोहन सरकार में थे मंत्री
\\\ 2006 में पहली बार कांथी दक्षिण सीट से TMC की टिकट पर विधायक बने
\\\साल 2009 और 2014 में तमलुक सीट से सांसद चुने गए
\\\ साल 2016 में नंदीग्राम सीट से विधायक चुने गए
\\\ ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल में जगह दी, परिवहन मंत्री बनाए गए
\\\ TMC के अन्य नेताओं के मुकाबले स्वच्छ छवि, लोगों में पैठ
इसमें तो कोई शक नहीं कि शुभेंदु का राजनीतिक कद किसी भी दल के लिए फायदा पहुंचने वाला ही है लेकिन शुभेंदु अकेले नहीं हैं. पूरा अधिकारी परिवार ही रसूखदार है.
शुभेंदु अधिकारी का 'राजनीतिक वजन'
\\\ शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी 3 टर्म से TMC के सांसद
\\\ UPA-2 के दौरान केंद्रीय मंत्री भी रहे
\\\ शुभेंदु के भाई दिब्येंदु अधिकारी भी सांसद
\\\ एक अन्य भाई कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष
\\\ प्रदेश के 6 जिलों में अधिकारी परिवार का प्रभाव
\\\ पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया में साख
\\\ इन इलाकों में वाम दलों को चित करने में रही है बड़ी भूमिका
\\\ विधानसभा की करीब 90 सीटों पर बिगाड़ सकते हैं गणित
TMC भले ही शुभेंदु के जाने को छोटी बात बता रही हो लेकिन चुनावी मौसम में उनकी राजनीतिक रसूख को हलके में तोला जाना किसी भी लिहाज से सही नहीं होगा. अब बात ये उठती है कि ऐसा क्या हुआ जो शुभेंदु दीदी से रूठ गए. बंगाल की राजनीति पर नजर रखने वाले इसके पीछे कई कारण बताते हैं मसलन
क्या इसलिए TMC से रूठे शुभेंदु?
\\\ ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का बढ़ता प्रभाव
\\\ चुनावी रणनीति में प्रशांत किशोर को प्राथमिकता
\\\ शुभेंदु से नहीं लिया जा रहा था सलाह-मश्वरा
\\\ परिवहन मंत्रालय में भी था ममता के करीबियों का दखल
चुनावी बिसात करीब करीब बिछ चुकी है और योद्धा मैदान में उतरने लगे हैं. अब ये तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे कि TMC के लिए कितना 'अशुभ' रहा शुभेंदु का उस से अलग होना.